तेरे जाने के बाद ये शहर भी सुनसान है, हर मोड़ पे तेरी यादों का मकान है… मैं हँसता हूँ मगर दिल में तूफान है, तेरे बिना अब मेरा कौन है… --- तू था तो सब था, अब कुछ भी नहीं… तू थी तो रंग थे, अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं… --- तेरे हाथ की वो गर्मी, अब भी उंगलियों में है, तेरे होंठों की वो हँसी, अब भी खामोशियों में है… लोग कहते हैं वक़्त सब ठीक कर देता है, पर तू लौट आए, बस यही दुआ करता है… --- तू था तो सब था, अब कुछ भी नहीं… तू थी तो रंग थे, अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं… --- मैंने चाहा तुझे अपनी साँसों से भी ज़्यादा, तू चली गई, मैंने खुद को भी खो दिया… अब ये आँखें रोती हैं बिना वजह के, क्योंकि वजह थी तू… और तू ही तो खो गया… - (Rain sound fades, piano slow) तू था… तो सब था… अब कुछ भी नहीं… कुछ भी… नहीं…
दोस्तों आप ने तो कए सारी कहानी सुनी होगी लेकिन आज उसी कहानी से थोरा हट के एक कहानी बताने जा रहा हु एक समय की बात है एक लड़का था जो की स्कूल मे पढ़ाए करता था वो अपने स्कूल मे सबका चाहीता होता था लेकिन वो हामेश दोस्तों के पीछे एवं दोस्तों के साथ अपना समय बिताता था मन लो उसकी सारी दुनिया ही उसका दोस्त है |एक ससमी मे एक लरकी उसस स बहुत पसंद करती थी लेकिन उस लरके को कहने से डरती थी वो लार्क हमेशा लरकियों से दूरी बना कर रखता था लेकिन लेकिन लरकियाँ उस लरके को बाहुत पसंद करती थी एक दिन अचानक से क्लास मे एक नए लरकी आए | उस लरकी को देख कर क्लास का सर लड़का उस लड़की को अपनी दोस्त बना चाहता था लेकिन लड़की ने किसी लड़के से दोस्ती नई की लेकिन जैसे जैसे वो कलसस मे आती रही ओ उस लड़के की पढ़ाए ओर उसका तरफ सी को अकरसत देख कर वो लरकी भी धीरे उस लड़के को पसंद करने लागि लेकिन वो लड़का उस लड़की को कोई भी भाव नहीं दे रहा था फिर अचानक से वो लड़की ने उस लड़के को एक लेटर लिख कर उसके बाग मे रख दिया लड़की उस लड़के को लेटेर के जरिए पूछना चाह रही थी के के वो उसे दोस्ती करेगा लेकिन लड़के ने...