तेरे जाने के बाद ये शहर भी सुनसान है, हर मोड़ पे तेरी यादों का मकान है… मैं हँसता हूँ मगर दिल में तूफान है, तेरे बिना अब मेरा कौन है… --- तू था तो सब था, अब कुछ भी नहीं… तू थी तो रंग थे, अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं… --- तेरे हाथ की वो गर्मी, अब भी उंगलियों में है, तेरे होंठों की वो हँसी, अब भी खामोशियों में है… लोग कहते हैं वक़्त सब ठीक कर देता है, पर तू लौट आए, बस यही दुआ करता है… --- तू था तो सब था, अब कुछ भी नहीं… तू थी तो रंग थे, अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं… --- मैंने चाहा तुझे अपनी साँसों से भी ज़्यादा, तू चली गई, मैंने खुद को भी खो दिया… अब ये आँखें रोती हैं बिना वजह के, क्योंकि वजह थी तू… और तू ही तो खो गया… - (Rain sound fades, piano slow) तू था… तो सब था… अब कुछ भी नहीं… कुछ भी… नहीं…
तेरे जाने के बाद ये शहर भी सुनसान है,
हर मोड़ पे तेरी यादों का मकान है…
मैं हँसता हूँ मगर दिल में तूफान है,
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तू था तो सब था,
अब कुछ भी नहीं…
तू थी तो रंग थे,
अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं…
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तेरे हाथ की वो गर्मी, अब भी उंगलियों में है,
तेरे होंठों की वो हँसी, अब भी खामोशियों में है…
लोग कहते हैं वक़्त सब ठीक कर देता है,
पर तू लौट आए, बस यही दुआ करता है…
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तू था तो सब था,
अब कुछ भी नहीं…
तू थी तो रंग थे,
अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं…
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मैंने चाहा तुझे अपनी साँसों से भी ज़्यादा,
तू चली गई, मैंने खुद को भी खो दिया…
अब ये आँखें रोती हैं बिना वजह के,
क्योंकि वजह थी तू… और तू ही तो खो गया…
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(Rain sound fades, piano slow)
तू था… तो सब था…
अब कुछ भी नहीं…
कुछ भी… नहीं…
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