तेरे जाने के बाद ये शहर भी सुनसान है, हर मोड़ पे तेरी यादों का मकान है… मैं हँसता हूँ मगर दिल में तूफान है, तेरे बिना अब मेरा कौन है… --- तू था तो सब था, अब कुछ भी नहीं… तू थी तो रंग थे, अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं… --- तेरे हाथ की वो गर्मी, अब भी उंगलियों में है, तेरे होंठों की वो हँसी, अब भी खामोशियों में है… लोग कहते हैं वक़्त सब ठीक कर देता है, पर तू लौट आए, बस यही दुआ करता है… --- तू था तो सब था, अब कुछ भी नहीं… तू थी तो रंग थे, अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं… --- मैंने चाहा तुझे अपनी साँसों से भी ज़्यादा, तू चली गई, मैंने खुद को भी खो दिया… अब ये आँखें रोती हैं बिना वजह के, क्योंकि वजह थी तू… और तू ही तो खो गया… - (Rain sound fades, piano slow) तू था… तो सब था… अब कुछ भी नहीं… कुछ भी… नहीं…
दिल टूटा है, कई राहों में खो गया,
ख्वाबों के गेहरे समंदर में डूब गया।
कितना था वो प्यार, कितने थे वो सपने,
अब तो सिर्फ तारीकों की आवाजें रह गईं।
दर्द भरी रातें, खोयी हुई बातें,
इस टूटे दिल की कहानी, अब कहाँ छुपी है।
क्या करूँ मैं अब, इस दर्द को सहूँ,
खुद को खो बैठा, जीने की वजह गई है।
प्यार का इकरार, और फिर बेइंतहा दुख,
ये दर्द ही तो है, जो मेरी रूह को छू गया।
मेरी आंखों में आँसू, मेरे दिल की धड़कन,
अब सब गुम है, इस टूटे दिल की कहानी में।
पर वक्त है इलाज का, होगा एक नया सवेरा,
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