तेरे जाने के बाद ये शहर भी सुनसान है, हर मोड़ पे तेरी यादों का मकान है… मैं हँसता हूँ मगर दिल में तूफान है, तेरे बिना अब मेरा कौन है… --- तू था तो सब था, अब कुछ भी नहीं… तू थी तो रंग थे, अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं… --- तेरे हाथ की वो गर्मी, अब भी उंगलियों में है, तेरे होंठों की वो हँसी, अब भी खामोशियों में है… लोग कहते हैं वक़्त सब ठीक कर देता है, पर तू लौट आए, बस यही दुआ करता है… --- तू था तो सब था, अब कुछ भी नहीं… तू थी तो रंग थे, अब बस धुंधली सी सुबह है कहीं… --- मैंने चाहा तुझे अपनी साँसों से भी ज़्यादा, तू चली गई, मैंने खुद को भी खो दिया… अब ये आँखें रोती हैं बिना वजह के, क्योंकि वजह थी तू… और तू ही तो खो गया… - (Rain sound fades, piano slow) तू था… तो सब था… अब कुछ भी नहीं… कुछ भी… नहीं…
उम्मीद से जीना
ये कहानी है एक छोटे से गांव की, जहां एक बहुत ही सीमित आयु समय के लिए आपदा चल रही थी। इस गांव में एक छोटे से लड़के ने जब जन्म लिया, तो उसके माता-पिता ने उम्मीद की की उनका बेटा एक दिन बड़ा आदमी बनेगा और अपने परिवार का नाम रोशन करेगा। परन्तु बच्चे के जन्म के समय बड़े अशुभ संकेत दिखाई दिए, जो सभी को चिंतित कर रहे थे।
लड़का एक विशेष व्यक्तित्व वाला था। वह हमेशा खुश और प्रसन्न रहता था, जबकि उसके चारों ओर का वातावरण दुखी और निराशाजनक था। लोग उसे बताने लगे कि उसके जीवन के लिए उम्मीद नहीं है, क्योंकि उसकी शारीरिक कमजोरियाँ उसे व्यक्तित्व के रूप में प्रभावित कर रही थीं। लोग उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए उसे हंसाते और मजाक उड़ाते थे, लेकिन वह हमेशा मुस्कान और प्यार के साथ उनका सामना करता।
एक दिन, एक बड़ा संगठन इस गांव में एक शिविर आयोजित करने का फैसला किया। लड़के को भी इस शिविर में शामिल होने की इजाजत मिली, लेकिन उसे एक विचार आया कि लोग उसे वहां भी अलग कर देंगे। परन्तु वह अपने दृढ़ संकल्प के साथ शिविर में पहुंचा।
शिविर में, लड़के ने अपने अंदर छुपे लक्ष्य के लिए उत्साहपूर्वक प्रयास किए। उसने देखा कि लोग उसे नहीं छोड़ रहे हैं, बल्कि उन्होंने उसे स्वीकार किया और सम्मान दिया। शिविर में बातचीत करते समय उसकी आवाज़ को सभी सुनने लगे और उसकी बातें बहुत महत्वपूर्ण मानी गईं। यह बदलता व्यापार उसे हर तरफ शोहरत ले गया।
अब वह गांव के सभी लोगों की आदर्श बन चुका था। उसकी अनुभूति से प्रेरित होकर अन्य लोगों ने अपनी सोच और व्यवहार में बदलाव किया। लोगों ने एक-दूसरे की मदद की, साथीपन का आदान-प्रदान किया, और अपने सपनों की प्राप्ति के लिए मेहनत की। गांव में खुशहाली की नई कहानी शुरू हुई।
ये कहानी हमें एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती है - हमारे बाहरी दिखावे से ज्यादा महत्वपूर्ण हमारी आत्मा और सोच का होता है। यदि हम खुद को सक्षम मानें, अपने सपनों का पीछा करें और हमेशा अपनी मुस्कान बनाए रखें, तो हम संघर्षों का सामना करके खुद को और भी मजबूत बना सकते हैं। इस कहानी से हमें यह समझ मिलती है कि जीवन में कोई भी बाधा हो सकती है, परन्तु उसके साथ खड़ा होकर हम अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
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